गम ना कर ज़िंदगी बहुत बड़ी है,
चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है,
बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख,
तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है…
29
0
शायर तो हम है शायरी बना देंगे
आपको शायरी मे क़ैद कर लेंगे|
कभी सूनाओ हमे अपनी आवाज़
आपकी आवाज़ को हम ग़ज़ल बना देंगे.|
30
0
घर से बाहर वो नक़ाब मे निकली
सारी गली उनकी फिराक मे निकली
इनकार करते थे वो हमारी मोहब्बत से
ओर हमारी ही तस्वीर उनकी किताब से निकली..
47
0
ज़िक्र भी करदूं ‘मोदी’ का तो खाता हूँ गालियां
अब आप ही बता दो मैं
इस जलती कलम से क्या लिखूं ??
कोयले की खान लिखूं
या मनमोहन बेईमान लिखूं ?
पप्पू पर जोक लिखूं
या मुल्ला मुलायम लिखूं ?
सी.बी.आई. बदनाम लिखूं
या जस्टिस गांगुली महान लिखूं ?
शीला की विदाई लिखूं
या लालू की रिहाई लिखूं
‘आप’ की रामलीला लिखूं
या कांग्रेस का प्यार लिखूं
भ्रष्टतम् सरकार लिखूँ
या प्रशासन बेकार लिखू ?
महँगाई की मार लिखूं
या गरीबो का बुरा हाल लिखू ?
भूखा इन्सान लिखूं
या बिकता ईमान लिखूं ?
आत्महत्या करता किसान लिखूँ
या शीश कटे जवान लिखूं ?
विधवा का विलाप लिखूँ ,
या अबला का चीत्कार लिखू ?
दिग्गी का’टंच माल’लिखूं
या क ... read more
149
0
दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबो में आ कर यू तडपाया ना करो