दिल पे क्या गुज़री वो अनजान कए जाने, प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने, हवा के साथ उड़ गये घर इस परिंदे का, कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने ! “प्रमोद नौटियाल”
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जिसने भी मोहब्बत का गीत गाया है,जिंदगी का उसने ही लुत्फ़ उठाया है गर्मी हो चाहे हो सर्दी का मौसम अजी,प्रेमियों ने सदा ही जश्न मनाया है हर खेल में वो ही तो अब्बल आया है,जिस किसी ने भी दमख़म दिखाया है वो माने चाहे न माने है उसकी मर्जी,हमने तो सब कुछ ही उसपे लुटाया है कौन समझ पाया है इस दुनिया को,प्रेमियों पे सदा ही इसने जुल्म ढाया है … आदमी सीख न पाया मिल के रहना,चाहे हर पीर पैगम्बर ने समझाया है सच्चों को पहले तो सूली पे चढाया है,बाद में चाहे ये समाज पछताया है मंजिल पे देर सवेर पहुंच ही जायेगा,जिस किसी ने पहला कदम उठाया है इश्क में यहां हर किसी ने ही प्यारे, कुछ गंवाया है तो काफी कुछ पाय ... read more
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जिंदगी मोहताज नहीं मंजीलो की, वक्त हर मंजिल दिखा देता है… मरता यही कोई किसी की जुदाई में, वक्त सबको जीना सिखा देता है…
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भौरे कहते हे की गगन बदला हे पंची कहते हे की चमन बदला हे हालत की खामोशी मगर कहती हे लाश वही हे सिर्फ़ कफ़न बदला हे.
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हमसे पूछो क्या होता है पलपल बिताना, बहुत मुश्किल होता है दिल को समजाना, यार ज़िंदगी तो बीत जाएगी, बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना
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