दिल पे क्या गुज़री वो अनजान कए जाने,
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने,
हवा के साथ उड़ गये घर इस परिंदे का,
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने !
“प्रमोद नौटियाल”
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जब आपका नाम ज़ुबान पर आता है,
पता नही दिल क्यों मुस्कुराता है,
तसल्ली होती है हमारे दिल को,
कि चलो कोई तो है अपना, जो
हर वक़्त याद आता है.
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किसी को ये सोचकर साथ मत छोड़ना की उसके पास कुछ नहीं तुम्हे देने के लिए
बस ये सोचकर साथ निभाने की उसके पास कुछ नहीं है तुम्हारे सिवा खोने के लिए
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हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे,
कभी चाहा था किसी ने,तुम ये खुद कहोगे,
न होगे हम तो किसी ने ,तुम ये खुद कहोगे,
मिलेगे बहुत से लेकिन कोई हम सा पागल ना होगा.
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जिंदगी मोहताज नहीं मंजीलो की,
वक्त हर मंजिल दिखा देता है…
मरता यही कोई किसी की जुदाई में,
वक्त सबको जीना सिखा देता है…