politics

मिलते रहे हैं मंत्री ऐसे , देखो तो जरा ये , देश को मंतर रहे हैं कैसे ………….. चुनाव में खड़े हैं संत्री ऐसे , देखों तो ज़रा , जैसे देश का पेरा ये ही दे रहे हो जैसे …………. कुछ तो हैं ठेकेदार ऐसे , चले हैं लेने ठेका ५ साल का देश का जैसे ……………. दिखा रहे हैं चाँद ऐसे , मांगते हैं लेके कटोरा वोटों की भीखों का जैसे ……………….. दिखा रहे हैं झाड़ू ऐसे , निकले हो करने देश को साफ़ जैसे ………………. खिला रहे हैं कमल ऐसे , कीचड़ की चाय पिलाने देश को निकले हो जैसे …………………. दिखा रहे हो पंजा ऐसे , जकड लिया हो दम घोटने को देश को जैसे ……………………. मिलते रहे हैं मंत्री ऐसे , देखो तो जरा ये , देश को मंतर रहे हैं कैसे …………………… काश मिलजाए इस देश को मंत्री ऐसे , राम ने भी देश कभी चलाया था जैसे ……………
 400
0