स्वर्ग की खोज
महाराज कृष्णदेव राय अपने बचपन में सुनी कथा अनुसार यह विश्वास करते थे कि संसार-ब्रह्मांड की सबसे उत्तम और मनमोहक जगह स्वर्ग है। एक दिन अचानक महाराज को स्वर्ग देखने की इच्छा उत्पन्न होती है, इसलिए दरबार में उपस्थित मंत्रियों से पूछते हैं, ” बताइए स्वर्ग कहाँ है ?”
सारे मंत्रीगण सिर खुजाते बैठे रहते हैं पर चतुर तेनालीराम महाराज कृष्णदेव राय को स्वर्ग का पता बताने का वचन देते हैं। और इस काम के लिए दस हजार सोने के सिक्के और दो माह का समय मांगते हैं।
महाराज कृष्णदेव राय तेनालीराम को सोने के सिक्के और दो माह का समय दे देते हैं और शर्त रखते हैं कि अगर तेनालीराम ऐसा न कर सके तो उन्हे कड़ा दंड दिय ... read more