हनुमानजी की व्रतकथा

ऋषिनगर में केशवदत्त अपनी पत्नी अंजलि के साथ रहता था। संतान की इच्छा से दोनों पति-पत्नी प्रति मंगलवार को हनुमानजी की पूजा करते थे। वर्षों तक व्रत करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। कुछ दिनों के बाद केशवदत्त पूजा करने के लिए जंगल में चला गया। उसकी पत्नी अंजलि घर में मंगलवार का व्रत करने लगी। एक दिन किसी कारणवश अंजलि हनुमानजी को भोग नहीं लगा सकी और उस दिन वह भूखी ही सो गई। दूसरे दिन उसने प्रण किया कि अब अगले मंगलवार को हनुमानजी को भोग लगाकर ही भोजन करूंगी। अंजलि ने भूखी-प्यासी रहकर 7वें दिन मंगलवार को हनुमानजी की पूजा की और उन्हें भोग लगाया लेकिन तभी भूख-प्यास के कारण अंजलि बेहोश हो गई। हनुमानजी ... read more
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