बकरी की सहेलियां (दोस्ती की परख)

एक बार की बात है, एक बकरी थी। वो बहुत खुशी-खुशी अपने गांव में रहती थी। वो बहुत मिलनसार थी। बहुत सारी बकरियां उसकी सहेलियां थीं। उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वो सभी से बात कर लेती थी और सभी को अपना दोस्त मान लेती थी। सभी कुछ अच्छा चल रहा था। लेकिन एक बार वो बकरी बीमार पड़ी और इस कारण वह धीरे-धीरे कमजोर होने लगी इसलिए अब वो पूरा-पूरा दिन घर पर ही बिताने लेगी। बकरी ने जो खाना पहले से अपने लिए जमा करके रखा था, अब वो भी खत्म होते जा रहा था। एक दिन उसकी कुछ बकरी सहेलियां उसका हाल-चाल पूछने उसके पास आईं, तब ये बकरी बड़ी खुश हुई। इसने सोचा कि अपनी सहेलियों से कुछ और दिनों के लिए वह खाना मंगव ... read more
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नियमित साधना का फल

एक समय की बात है। टेनेसी राज्य में रहने वाली विल्मा गोल्डीन रूडाल्फ जब चार वर्ष की थी, स्कारलेट फीवर के कारण उसका दाहिना पैर खराब हो गया। वह बिना सहारे चल भी न सकती थी, पर साहस की धनी उस बालिका ने नियमित टहलने और दौड़ने का क्रम प्रारंभ किया। वह पढ़ने के लिए विद्यालय भेजी गई। वहां भी उसे दयनीय स्थिति के कारण शिक्षकों तथा विद्यार्थियों के व्यंग्य सुनने पड़ते थे। एक अध्यापक ग्रे द्वारा उसे मच्छर की संज्ञा मिली थी, पर उसके धैर्य, संकल्प और साहस ने उसे मच्छर से बिजली बना दिया। सन्‌ 1960 में ओलिंपिक खेलों का आयोजन हुआ तो रूडाल्फ ने भी उसमें हिस्सा लिया और एक साथ तीन स्वर्ण पदक प्राप्त किए। ... read more
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सूझबूझ से सुलझा लें समस्या

एक किसान था, वह अपने खेतों में काम कर घर लौट रहा था। रास्ते में ही एक हलवाई की दुकान थी। उस दिन किसान ने कुछ ज्‍यादा काम कर लिया था और उसे भूख भी बहुत लग रही थी। ऐसे में जब वह हलवाई की दुकान के पास से गुजरा तो उसे मिठाइयों की खुशबू आने लगी। वह वहां खुद को रोके बिना नहीं रह पाया। लेकिन उस दिन उसके पास ज्यादा पैसे नहीं थे, ऐसे में वह मिठाई खरीद नहीं सकता था, तब वह कुछ देर वहीं खड़े होकर मिठाइयों की सुगंध का आनंद लेने लगा। जब मिठाईवाले ने किसान को मजे से उसकी दुकान की मिठाइयों की खूशबू का आनंद लेते देखा, तब उससे किसान की खुशी देखी नहीं गई, वह किसान के पास गया और बोला, पैसे निकालो। किसान हैरान ह ... read more
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फ्री का ही सोचना है तो क्यों न बड़ा ही सोचें

एक बार कि बात है एक गांव में एक गरीब लड़का रहता था। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। कई-कई बार तो हालात ऐसे हो जाते थे कि उसके घर में सभी सदस्यों के लिए पेटभर खाना तक नहीं बन पाता था। जैसे-तैसे उसके माता-पिता ने उसे ग्रेजुएशन तक पढ़ा दिया था। पढ़ाई पूरी होने के बाद एक दिन यह लड़का किसी शहर में इंटरव्यू देने के लिए जा रहा था। वह ट्रैन में सफर कर रहा था।> जब दिन के खाने का समय हुआ तब आस-पास बैठे सभी लोग अपना टिफिन खोलकर खाने लगे। उन्हें देख लड़के की भी भूख जाग गई और उसने भी अपना टिफिन निकाला। लेकिन आज उसके टिफिन में केवल रोटी ही थी और सब्जी नहीं थी। वह रोटी के साथ सब्जी लगाने जैसा अभिन ... read more
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अपनी तुलना दूसरों से न करें

एक बार की बात है, किसी जंगल में एक कौवा रहता था, वो बहुत ही खुश था, क्योंकि उसकी ज्यादा इच्छाएं नहीं थीं। वह अपनी जिंदगी से संतुष्ट था, लेकिन एक बार उसने जंगल में किसी हंस को देख लिया और उसे देखते ही सोचने लगा कि ये प्राणी कितना सुन्दर है, ऐसा प्राणी तो मैंने पहले कभी नहीं देखा! इतना साफ और सफेद। यह तो इस जंगल में औरों से बहुत सफेद और सुंदर है, इसलिए यह तो बहुत खुश रहता होगा। कोवा हंस के पास गया और पूछा, भाई तुम इतने सुंदर हो, इसलिए तुम बहुत खुश होगे? इस पर हंस ने जवाब दिया, हां मैं पहले बहुत खुश रहता था, जब तक मैंने तोते को नहीं देखा था। उसे देखने के बाद से लगता है कि तोता धरती का सबसे ... read more
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