कौन थे शेख चिल्ली
माना जाता है कि सूफी संत अब्द-उर-रहीम, जिन्हें अब्द-उई-करीम और अब्द-उर- रज़ाक के नाम से भी जाना जाता था उन्ही का प्रसिद्द नाम शेख चिल्ली पड़ा। उनकी मौजूदगी 1650 AD के आस-पास की मानी जाती है और हरयाणा में उनका एक मकबरा भी बना हुआ है।
भारत में शेख चिल्ली को एक मजेदार कैरेक्टर के रूप में देख जाता है जो अक्सर ख्यालों में खो जाता है और हवाई-किलें बनाया करता है। पर जब उसे होश आता है तो वो खुद को लोगों के बीच पाता है और सबके लिए हंसी का पात्र बन जाता है।