एक बार संता को रास्ते में एक चिराग मिला तो उसने सोचा कि, "क्यों ना चिराग रगड़ कर देखूं शायद इसमें से कोई जिन्न ही निकल आये"। यह सोच कर संता ने चिराग रगडा, तो उसमे से धुंए के साथ एक जिन्न निकल कर आया और संता से बोला। जिन्न: क्या हुकुम है मेरे आका? संता: मेरे बैंक खाते में 100 करोड़ रूपए जमा करा दो। जिन्न: यह तो थोडा मुश्किल काम है आका कोई और हुकुम करें। संता: तो ठीक है मेरे घर से लेकर अमेरिका तक सीधी सड़क बना दो। जिन्न: आका यह काम भी थोडा नामुमकिन सा है कोई और आदेश करें? जिन्न की बात सुन कर संता ने ठंडी सी आह भरते हुए कहा, "अच्छा चलो कम से कम मेरी बीवी को थोड़ी सी अक्ल देकर ... read more
 293
0  

पप्पू की शैतानियों से तंग आ कर संता और जीतो ने फैंसला लिया कि उसे हॉस्टल में भेज दिया जाये। इसलिए पप्पू का सामान बाँध कर उसे हॉस्टल छोड़ आये। अभी हॉस्टल में पप्पू का केवल एक हफ्ता भी नहीं गुज़रा था कि उसके हॉस्टल से उसके वार्डन का संता को फ़ोन आ गया और वार्डन बोला,"जी क्या मैं पप्पू की पिता जी से बात कर सकता हूँ?" संता: जी हाँ कहिये मैं बोल रहा हूँ। वार्डन: जी आपके बेटे पप्पू ने अपनी शैतानियों से सारे हॉस्टल की नाक में दम कर रखा है। वार्डन की बात सुन कर संता तुरंत बोला, "अरे जी वाह आपने तो एक हफ्ते में ही फ़ोन कर दिया, हम भी तो इतने सालों से उसे पाल रहे हैं हम ने तो कभी किसी से शिका ... read more
 224
0  

बंता एक बिल्डिंग की चालीसवीं मंजिल पर खड़ा हुआ था कि तभी उसके मोबाइल की घंटी बजी। उधर से किसी ने कहा,"संता, अभी-अभी तेरी बीवी प्रीतो एक्सीडेंट में मर गई।" मारे दु:ख के उसने फौरन चालीसवीं मंजिल से ही छलांग लगा दी। जब वह तीसवीं मंजिल के पास पहुंचा, तब उसने सोचा कि, "ये प्रीतो कौन है? इसे तो मैं जानता ही नहीं।" बीसवीं मंजिल पर,"मेरी तो अभी शादी ही नहीं हुई।" दसवीं मंजिल पर,"यार, मेरा नाम तो बंता है, संता नहीं!"
 155
0  

एक दिन संता ने अपनी भाभी को खूब मारा। उसके चिल्लाने की आवाज सुन कर पड़ोसी देखने आ गए और संता से पूछने लगे कि क्या बात हो गयी, इतना क्यों मार रहे हो अपनी भाभी को? संता(गुस्से में): भाईसाहब ये हमारी पीठ पीछे छुप -छुप के रोज मेरे सभी दोस्तों से बाते करती है। पडोसी: तुम्हे कैसे पता लगा? संता: अरे मैं जब भी अपने किसी दोस्त से पूछता हूँ कि वो फ़ोन पर किस बात कर रहे हैं, वो यही कहता है 'तुम्हारी भाभी से'।
 127
0  

एक बार संता एक तालाब के किनारे सैर कर रहा था तो उसने देखा कि बंता ने एक डूबते आदमी को तालाब में से निकाला और फिर धक्का मार कर तालाब में फेंक दिया। संता: क्यों यार, पहले तो तुमने तालाब में डूबते हुए आदमी को बचाया, फिर तुमने ही उसे तालाब में फेंक क्यों दिया? बंता: अरे यार, क्या तुम भी, तुमने क्या वह कहावत नहीं सु‍नी कि नेकी कर और दरिया में डाल।
 166
2