सेवा में, श्री मान प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय विषय: फ़ीस माफ़ी हेतु। महोदयजी, उपरोक्त विषय में आप से निवेदन है कि कल मैं घर से फ़ीस के लिए 500 ₹ ले कर निकला था, मगर रास्ते में मेरी गर्लफ्रेंड मिल गई तो उसे पिज्ज़ा हट ले जाना पड़ा। वहाँ वो 500 ₹ खर्चा हो गए। वहीं मैंने देखा आप भी पूजा मैडम को अपने हाथ से पिज्जा खिला रहे थे जिसका वीडियो साथ संलग्न कर रहा हूँ। आगे आप खुद समझदार हैं। मेरी फीस माफ या आपका पर्दा फाश। आपका आज्ञाकारी छात्र पप्पू
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एक बार गणित के शिक्षक ने पप्पू को बुलाया और अपनी कापी चेक कराने के लिए कहा। पप्पू: मास्टरजी मैंने तो होमवर्क किया ही नहीं। मास्टर: तुम्हारा तो पढने में मन ही नहीं लगता, अब बताओ की होमवर्क ना करने का तुम्हारे पास क्या बहाना है? पप्पू: जी मास्टर जी वो कल आपने जो गुणा-भाग समझाया था ना वो मुझे समझ नहीं आया। मास्टर: नालायक तुम्हे वह सामान्य सा गुणा-भाग समझ नहीं आया, मैं जब तुम्हारी उम्र का था तो 15-15 अंकों वाला गुणा-भाग चुटकियों में कर देता था। पप्पू: कर देते होंगे मास्टर जी, क्योंकि आपको पक्का कोई अच्छा टीचर पढाता होगे।
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पप्पू अपने दोस्त बंटी से अपनी नयी बनी गर्लफ्रेंड की तारीफ़ कर रहा था। पप्पू: कसम से इस बार जो गर्लफ्रेंड बनायी है बहुत मस्त है, पहले वाली तीनो से ज्यादा मस्त। बंटी: अच्छा वो कैसे? पप्पू: देख मेरी पहली वाली गर्लफ्रेंड दिल्ली से थी एक बार उसको जब मैंने टेडी बियर गिफ्ट किया तो वो बोली, " ओ माइ गोड वाऊ सो क्यूट।" बंटी: दूसरी वाली? पप्पू: वो लुधियाना से थी, जब उसको मैंने टेडीबियर गिफ्ट किया तो वो बोली, " ओ जी रब दी सौ किन्ना सोना टेडी है। बंटी: और तीसरी वाली? पप्पू: वो लखनऊ से थी जब उसको टेडी दिया तो वो बोली, " या अल्लाह! कितना खूबसूरत तोहफा है।" बंटी: और जो अब है? पप्प ... read more
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संस्कृत की क्लास मे गुरूजी ने पूछा, "पप्पू, इस श्लोक का अर्थ बताओ। 'कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।" पप्पू: राधिका शायद रस्ते में फल बेचने का काम कर रही है। गुरू जी: मूर्ख, ये अर्थ नही होता है। चल इसका अर्थ बता, 'बहुनि मे व्यतीतानि, जन्मानि तव चार्जुन'। पप्पू: मेरी बहू के कई बच्चे पैदा हो चुके हैं, सभी का जन्म चार जून को हुआ है। गुरू जी: अरे गधे, संस्कृत पढता है कि घास चरता है। अब इसका अर्थ बता, 'दक्षिणे लक्ष्मणोयस्य वामे तू जनकात्मजा'। पप्पू: दक्षिण में खडे होकर लक्ष्मण बोला जनक आज कल तो तू बहुत मजे में है। गुरू जी :अरे पागल, तुझे 1 भी श्लोक का अर्थ नही मालूम है क्या? ... read more
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एक सामाजिक अध्ययन का अध्यापक कक्षा में 'युद्ध और शांति' विषय पर पढ़ा रहा था, जब चैप्टर समाप्त हुआ तो अध्यापक ने बच्चों से पूछा, "तो तुम में से कितने लोग हैं जो युद्ध का विरोध करते हैं?" सभी ने बिना किसी झिझक के हाथ उठा दिए। अध्यापक ने फिर पूछा, "आप में से कोई मुझे कारण देकर बता सकता है कि आप युद्ध का विरोध क्यों करते हैं?" कक्षा में सबसे पीछे बैठे हुए बच्चों ने सुस्ताते हुए अपने हाथ ऊपर उठाये और उन में से पप्पू खड़ा हो गया। पप्पू ने कहा सर मैं बताता हूँ, "मैं युद्ध पसंद नही करता क्योंकि युद्ध से इतिहास बनते है और मुझे इतिहास (विषय) बिल्कुल पसंद नही।"
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